चर तथा अचर राशि क्या है? फलन, वृद्धि तथा अवकलन क्या है? उदाहरण

अचर राशि क्या है? उदाहरण

कोई भी राशि जिसका मान निश्चित हो तो उसे स्थिर या अचर राशि कहते हैं। 

चर राशि क्या है? उदाहरण

अचर राशि के विपरीत चर राशि या परिवर्ती वह है जिसका मान परिवर्तित होता रहता है। 

फलन राशि क्या है? उदाहरण

यदि कोई चर राशि किसी दूसरी चर राशि से इस प्रकार सम्बन्धित हो कि पहली चर राशि के प्रत्येक मान के लिए दूसरी चर राशि का एक निश्चित मान हो तो दूसरी चर राशि पहली चर राशि का फलन कहलाती है। x के फलन को f(x) से प्रदर्शित करते हैं । इसे x का फलन कहते हैं। किसी फलन f(x)  का किसी बिन्दु x = a पर अधिकतम मान (उच्चिष्ठ) होता है। यदि बिन्दु x = a के अति निकटवर्ती दोनों ओर सभी बिन्दुओं का फलन f(x) का मान बिन्दुx = a पर इसके मान f(x) से कम हो।

वृद्धि राशि क्या है? उदाहरण

 यदि किसी चर राशि का संख्यात्मक मान परिवर्तित किया जाता है, तो दोनों मानों के अंतर को वृद्धि कहते हैं। इस वृद्धि को δ से निरूपित करते हैं। जैसे- कोई चर राशि x1 है वह बढ़कर x2 हो जाती है, तो वृद्धि ( x1 – x2 ) = δ x से प्रदर्शित की जाती है अर्थात् x में वृद्धि δ x है इसे δ  गुणा x नहीं समझना चाहिये इसे डेल्टा एक्स पढ़ते हैं। यह वृद्धि चर राशि के बढ़ने या घटने के अनुसार धनात्मक या ऋणात्मक होती है।

यदि  y = f(x) और स्वतंत्र चर राशि x में वृद्धि δ x है तो y में संगत वृद्धि δ y से प्रदर्शित की जाती है।अवकल गणित में अवकल का विकास फलन और चर राशि में संगत वृद्धियों की तुलना से किया जाता है।

अवकल राशि क्या है? उदाहरण

किसी फलन का अवकल गुणांक ज्ञात करने की प्रक्रिया को अवकलन या फलन का अवकलन करना कहते हैं। अवकलन की क्रिया में चार चरण होते हैं-

(1) फलन में उपस्थित x को x + δ x में परिवर्तित कर y + δ y का मान ज्ञात करना।


(2) फलन के मान को y + δy में से घटाकर वृद्धि δ y ज्ञात करना।


(3) फिर δ y को δ x से विभाजित कर δ y / δ x का मान ज्ञात करना।

(4) अन्त में इस अनुपात की सीमा ज्ञात करना जब δ x शून्य की ओर प्रवृत्त या अग्रसर होता है।

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