कोशिका किसे कहते है ? कोशिका क्या है ? कोशिका की परिभाषा
“ कोशिका जैविक क्रियाओं की वह न्यूनतम इकाई है, जो कि एक अर्द्ध-पारगम्य
झिल्ली से सीमित होती है तथा बिना किसी जीवित तंत्र की उपस्थिति के स्वतंत्र रूप से प्रजनन की
क्षमता रखती है। “
कोशिका की खोज सन् 1665 में रॉबर्ट हुक ने की थी । 1665 में रॉबर्ट हुक वैज्ञानिक के अपने द्वारा तैयार किए गए संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में कॉर्क के एक पतले काट का अध्ययन किया।
1. कोशिका भित्ति ( cell wall )
2. जीवद्रव्य ( protoplasm )
3. रसधानियां या रिक्तिकाएं ( Vacuole )
कोशिका की विशेषताएँ
कोशिका की सामान्य विशेषताएँ – किसी कोशिका की सामान्य विशेषताएँ या मुख्य लक्षण
निम्नलिखित होते हैं-
(1) सभी कोशिका के चारों ओर प्लाज्मा झिल्ली या कोशिका कला (Cell membrane) होती है।
(2) प्लाज्मा झिल्ली के अन्दर कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) होता है, जिसमें केन्द्रक (Nucleus) पाये जाते हैं।
(3) सभी कोशिकाओं में नाभिकीय अम्ल के रूप में आनुवंशिक पदार्थ होता है, जो कि गुणसूत्र (Chromosome) में होता है।
(4) कोशिका के कोशिकाद्रव्य में माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria), गॉल्जीकाय (Golgibody), एण्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic reticulum), राइबोसोम (Ribosome) आदि होते हैं।
(5) सभी कोशिकाओं में नाभिकीय अम्लों (Nucleic acid) एवं प्रोटीन संश्लेषण की विधि एक समान होती है।
(6) सभी कोशिकाओं में सामान उपापचय क्रियाएँ होती है।
कोशिका सिद्धांत किसने दिया ? कोशिका सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया ?
कोशिका सिद्धान्त (Cell theory)-सन् 1839 में श्लीडन तथा श्वान (Schleiden and Schwann) ने बताया कि प्रत्येक कोशिका एक जीव है। उन्होंने कोशिका सिद्धान्त का प्रतिपादन किया, जो कि निम्नलिखित तथ्यों पर आधारित है-
कोशिका सिद्धांत
(1) सभी जीव एक या अनेक कोशिकाओं से बनती है। अत: कोशिका जीवों की संरचनात्मक इकाई होती है।
(2) कोशिका में जीवन के लिए आवश्यक सभी क्रियाएँ होती हैं, अतः कोशिकाएँ उपापचय क्रियाओं की इकाई हैं।
(3) किसी भी जीव में होने वाली विभिन्न क्रियाएँ उसकी संघटक कोशिकाओं में होने वाली जैव क्रियाओं के कारण सम्भव होती हैं।
(4) कोशिका में स्व-जनन की क्षमता होती है। अतः नई कोशिकाएँ पूर्ववर्ती कोशिकाओं से बन सकती हैं।
(5) कोशिका आनुवंशिक इकाई (Unit) है एवं इनके केन्द्र में आनुवंशिक पदार्थ पाया जाता है।
कोशिका सिद्धान्त के अपवाद (Exceptions of cell theory)
(1) वाइरस, इस सिद्धान्त का अपवाद है।
(2) लाल रक्त कणिकाएँ (R.B.Cs.) पूर्ण कोशिका नहीं है, क्योंकि इनमें केन्द्रक एवं अन्य कोशिकांग नहीं पाये जाते हैं।
(3) तंत्रिका कोशिका (Nerve cells) में विभाजन क्षमता एवं पुनर्जनन की क्षमता नहीं पाई जाती है।
(4) यकृत एवं पेशी कोशिकाओं में सामान्य विभाजन क्रिया नहीं पाई जाती है, लेकिन पुनर्जनन सम्भव होता है। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की सहायता से कोशिका के बारे में अनेक खोज की गई और कोशिका के विभिन्न अंगकों की संरचना एवं कार्यों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हुई है।
प्रोकैरियोटिक और यूकेरियोटिक कोशिका में अंतर
कोशिका की संरचना (Structure of the cell) । संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में कोशिका की संरचना
कोशिका की संरचना के अध्ययन के लिए सूक्ष्मदर्शी को सहायता ली जाती है। कोशिका को संयुक्त सूक्ष्मदर्शी तथा इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा एवं अध्ययन किया जाता है।
इसमें कोशिका की संरचना सरल दिखाई देती है। कोशिका में बाहर की ओर प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrane) होता है। इससे घिरा हुआ कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) पाया जाता है। कोशिकाद्रव्य में एक केन्द्रक (Nucleus) लगभग बीच में स्थित होता है। इसके अतिरिक्त अन्य कोशिकांग जैसे-गॉल्जीकाय (Golgi body), माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria), सेण्ट्रोसोम (Centrosomes), लाइसोसोम (Lysosome), राइबोसोम (Ribosome) तथा अनेक धानियाँ (Vacuoles) भी पाई जाती हैं। सभी कोशिकांग को कोशिकाद्रव्य से अलग कर देने के पश्चात् एक आधात्री (Matrix) बचती है, जिसे हायलोप्लाज्म (Hyaloplasm) कहते हैं।
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में जन्तु कोशिका की संरचना
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में देखने पर कोशिका को दो भागों में बाँटा जा सकता है, कोशिका भित्ति एवं जीवद्रव्य । जीवद्रव्य में कोशिकाद्रव्य तथा केन्द्रक पाया जाता है। केन्द्रक की संरचना में बाहर की तरफ केन्द्रक कला तथा उससे घिरी हुई केन्द्रक द्रव्य (Nucleoplasm) तथा केन्द्रिका (Nucleolus) एवं केन्द्रक जाल (Chromatin net- work) पाया जाता है। कोशिकाद्रव्य में रिक्तिकाएँ (Vacuoles), तेल बिन्दु तथा अन्य पदार्थ जैसी अजीवित रचनाएँ तथा विभिन्न कोशिकांग, जीवित रचनाओं के रूप में पाई जाती हैं।