प्रतिरोध क्या है? प्रतिरोध किसे कहते हैं?
प्रतिरोध क्या है – : “जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो चालक विद्युत धारा के मार्ग में रुकावट डालता है। इसे चालक का प्रतिरोध कहते है ।”
प्रतिरोध = विभवान्तर /धारा
“किसी चालक पर आरोपित विभवान्तर ओर उसमें प्रवाहित धारा के अनुपात को चालक का प्रतिरोध कहते है। यह एक अदिश राशि है तथा SI पद्धति में इसका मात्रक ओम (ohm) होता है।”
1000 (ohm) = 1 k (ohm)
1000000 (ohm) = 1 m (ohm)
1 (ohm) ओम = 1 वोल्ट / 1 एम्पीयर
जब किसी चालक के सिरों के बीच 1 वोल्ट का विभवान्तर लगाया जाता है ओर उसमे बहाने वाली धारा का मान 1 एम्पीयर हो तो चालक का प्रतिरोध 1(ohm) होता है।
प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक –
1. लंबाई पर – : लंबे तार का प्रतिरोध अधिक तथा छोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अर्थात किसी चालक का प्रतिरोध Rउसकी लंबाई l के अनुक्रमानुपाती होता है।
R ∝ l
2. क्षेत्रफल – : पतले तार का प्रतिरोध अधिक तथा मोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अर्थात किसी चालक का प्रतिरोध R उसके क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाति होता है।
R ∝1/A
3. पदार्थ की प्रकृति पर – : किसी चालक का प्रतिरोध R उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या के व्युतक्रमानुपाती होता है। R∝1/n अर्थात यदि किसी चालक में इलेक्ट्रॉन की संख्या अधिक है, तो प्रतिरोध कम होगा।
4. ताप पर – :
किसी चालक का प्रतिरोध श्रान्तिकाल के व्युतक्रमानुपाती होता है। ताप बड़ाने पर श्रान्तिकाल का मान घट जाता है। ओर प्रतिरोध अधिक हो जाता है अतः ताप बड़ाने से चालक का प्रतिरोध बड़ता है।