“राॅकेट एक यान हैं, जिसके द्वारा सेटेलाइट और विभिन्न उपकरणों को अंतरिक्ष में भेजा जाता है। यह न्यूटन के गति के तीसरे नियम के सिद्धांत पर कार्य करता है।”
हम दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि वह यंत्र जिसका प्रयोग अन्तरिक्ष यात्रा हेतु किया जाता है रॉकेट कहलाता है।
रॉकेट की खोज किसने की। रॉकेट की खोज कब हुई।
रॉकेट का इतिहास 13वीं सदी से शुरू हुआ सबसे पहले चीन में रॉकेट का आविष्कार हुआ। शुरू में रॉकेट का उपयोग अस्त्र शस्त्र के रूप में किया गया था। सन 1232 में चीनी और मंगोलो के युद्ध के बीच रॉकेट का उपयोग हुआ था।
ऐसा कहा जाता है कि मंगोलो के द्वारा यह टेक्नोलॉजी यूरोप और एशिया के अन्य भागों तक आई। टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध के दौरान रॉकेट का प्रयोग किया। जब अंग्रेज भी रॉकेट के बारे मे नहीं जानते थे। युद्ध में अंग्रेजों की हार के बाद उन्होने इस टेक्नोलॉजी को महत्वपूर्ण समझा ओर उन्होने इसका प्रयोग अन्य देशों से युद्ध में किया।
रॉकेट का सिद्धांत, रॉकेट नोदन किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
रॉकेट नोदन “संवेग संरक्षण नियम” के सिद्धांत पर कार्य करता है।
इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। अर्थात् जब रॉकेट में प्रयुक्त ईधन को जलाया जाता है तो उसमे से बाहर की ओर गेस निकलती है। जिसके परिणाम स्वरूप रॉकेट के विपरीत एक ऊपर की ओर प्रमोद बल लगता है जिसके कारण रॉकेट ऊपर की ओर उड़ने लगता है।
रॉकेट कैसे बनता है? रॉकेट कैसे उड़ता है? रॉकेट नोदन।
रॉकेट नोदन संवेग संरक्षण नियम पर आधारित है जिसमें दहन कक्ष मे ईधन को जलाया जाता है। जिससे उत्पन्न गैस जैठ नली से तीव्र वेग से बाहर निकलती है अतः इसकी प्रतिक्रिया बल के फलस्वरूप राॅकेट पर प्रणोद लगता है तथा राॅकेट ऊपर की ओर उड़ने लगता है।
रॉकेट का ईंधन। रॉकेट में किस ईधन का प्रयोग होता है।
“स्पेस शटल में तरल हाइड्रोजन और ठोस प्रोपालेट का उपयोग होता है ठोस प्रोपालेट जलता है पर विस्फोट नहीं होता है। ”
रॉकेट में ऎसे ईधन का प्रयोग करना चाहिए जो विस्फोट न हो। ओर जिसको जलाने से तीव्र वेग से ऊर्जा निकले जिससे रॉकेट को उड़ने में आसानी हो।
भारत के प्रमुख रॉकेट। top rocket in india in hindi।
(1) अग्नि 6
(2) अग्नि 5
(3) अग्नि 4
(4) k 5
(5)k 4
भारत के प्रमुख रॉकेट प्रक्षेपण स्थल। top rocket lonch place in india in hindi।
(1) थुम्बा इक्वेटोरियल राॅकेट लॉन्चिंग स्टेशन।
(2) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र।
(3) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र तृतीय लॉन्च पैड।
(4) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र द्वितीय लॉन्च पैड।
(5) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र प्रथम लॉन्च पैड।