लंब अक्ष ओर समांतर अक्ष प्रमेय क्या है? कोणीय संवेग क्या है? कोणीय संवेग का मात्रक। घूर्णी गति के नियम लिखिए।

लंब अक्ष प्रमेय क्या है? समांतर अक्ष प्रमेय क्या है?  लंब अक्ष ओर समांतर अक्ष प्रमेय लिखिए। कोणीय संवेग क्या है? कोणीय संवेग का मात्रक। घूर्णी गति के नियम लिखिए।

लंब अक्ष प्रमेय क्या है? 

“किसी समतल पटल पर अक्ष के लंबवत पिंड का जड़त्व आघूर्ण शेष दो अक्षो के परित: पिंड के जड़त्व आघूर्ण के योग के बराबर होता है यह दोनों अक्ष एक दूसरे को उस बिंदु पर काटते है जिस पर से होकर लम्ब अक्ष गुजरता है। “

समांतर अक्ष प्रमेय क्या है?

” किसी अक्ष के परित: किसी पिंड का जड़त्व आघूर्ण पिंड के द्रव्यमान केंद्र से होकर जाने वाली लंबवत अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण तथा पिंड के द्रव्यमान तथा दोनों अक्षों के बीच की दूरी के वर्ग के गुणनफल के योग के बराबर होता है। “

कोणीय संवेग क्या है? 

” किसी कण के रेखीय संवेग का किसी घुर्णन अक्ष के सापेक्ष आघूर्ण को उस अक्ष के परित: कोणीय संवेग कहते हैं।” 

कोणीय संवेग का मात्रक। 

कोणीय संवेग का मात्रक किलोग्राम² /  सेकंड ²

घूर्णी गति के नियम।

(1) किसी अक्ष के परित: घूर्णी गति करने में समर्थ अथवा घूर्णी गति कर रहे पिंड की घूर्णी अवस्था में तब तक परिवर्तन नहीं हो सकता जब तक उस पर कोई बाह्य बलयुग्म या बल आघूर्ण ना लगाया जाए। 
(2) किसी अक्ष के परित: कोणीय संवेग परिवर्तन की दर लगाए गए बल आघूर्ण के बराबर होती है। 
(3) सदैव बलयुग्म के बराबर तथा विपरीत बलयुग्म कार्य करता है। 

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