वैद्युत द्विध्रुव क्या है?
“यदि दो बराबर विजातीय आवेश एक दूसरे से बहुत अल्प दूरी पर स्थित हो, तो इस निकाय को वैद्युत द्विध्रुव कहते हैं। “
वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण क्या है?
“वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है जिसका परिणाम वैद्युत द्विध्रुव के किसी एक आवेश और उनके बीच की दूरी के गुणनफल के बराबर होता है।”
वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का विमीय सूत्र।
( M°LTA )
अक्षीय स्थिति क्या है?
“जब कोई बिंदु, जिस पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी होती है, बड़ाये गये द्विध्रुव अक्ष पर स्थित होता है तो इस बिंदु को द्विध्रुव के सापेक्ष अक्षीय स्थिति में कहा जाता है। अक्षीय स्थिति को अनुदैध्य स्थिति भी कहते हैं।”
निरक्षीय स्थिति क्या है?
“जब कोई बिंदु, जिस पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी होती है, द्विध्रुव अक्ष के लम्ब अर्द्धक( निरक्षीय रेखा) पर स्थित होता है तो उस बिंदु को चुंबक के सापेक्ष निरक्षीय स्थिति में कहा जाता है। निरक्षीय स्थिति को अनुप्रस्थ स्थिति भी कहते हैं।”