विद्युत बल रेखाएँ या क्षेत्र रेखाएं क्या है? विद्युत बल रेखाओं के गुण एवं उपयोग। उदासीन बिंदु क्या है? एकसमान विद्युत क्षेत्र क्या है?

विद्युत बल रेखाएँ  या क्षेत्र रेखाएं क्या है?  विद्युत बल रेखाओं के गुण एवं उपयोग। उदासीन बिंदु क्या है? एकसमान विद्युत क्षेत्र क्या है?

विद्युत बल रेखाएँ  या क्षेत्र रेखाएं क्या है?  

यदि किसी विद्युत क्षेत्र में एक स्वतंत्र एकांक धनावेश (जो गति करने के लिए स्वतंत्र हो) रख दिया जाए तो वह उस पर लगने वाले बल की दिशा में गति करने लगता है। किसी विद्युत क्षेत्र में एकांक धनावेश के चलने के मार्ग को विद्युत बल रेखा या क्षेत्र रेखा कहते हैं।  
विद्युत बल रेखा की कल्पना सर्वप्रथम माइकल फैराडे ने की थी। 
विद्युत बल रेखा विद्युत क्षेत्र में खींचा गया वह काल्पनिक व निष्कोण है जिस पर एक स्वतंत्र एकांक धनावेश गमन कर सकता है। “

विद्युत बल रेखाओं के गुण।

(1) विद्युत बल रेखाएं विद्युत आवेश के पास आकाश में काल्पनिक वक्र है। जो धनावेश से प्रारंभ होकर ऋणावेश पर समाप्त होती है। 
(2) विद्युत बल रेखाओं के किसी भी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी तीव्रता की दिशा को प्रदर्शित करती है।

(3) विद्युत बल रेखाएं चालक की सतह के लम्बवत निकलती है अथवा समाप्त होती है।

(4) विद्युत बल रेखाएं चालक से होकर नहीं गुजरती। अतः किसी चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है।

विद्युत बल रेखाओं के उपयोग।  

विद्युत बल रेखाओं से किसी आवेश या आवेश समुदाय में उत्पन्न विद्युत क्षेत्र की आंशिक जानकारी प्राप्त हो जाती है। जहां विद्युत बल रेखाएं सघन होती है वहां विद्युत क्षेत्र की तीव्रता अधिक और जहां विद्युत बल रेखाएं विरल होती है वहां विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कम होती है। यदि किसी विद्युत क्षेत्र की बल रेखाएं समांतर है तो वह क्षेत्र एकसमान क्षेत्र होगा। विद्युत बल रेखाओं के किसी बिंदु पर स्पर्श रेखा खींचकर उस बिंदु पर परिणामी तीव्रता की दिशा ज्ञात की जा सकती है। 

उदासीन बिंदु क्या है?

“दोनों आवेशों के मध्य एक बिंदु N होता है जिस पर विद्युत क्षेत्र की परिणामी तीव्रता शून्य होती है। इस बिंदु को उदासीन बिंदु कहते हैं। “

एकसमान विद्युत क्षेत्र क्या है? 

“उस विद्युत क्षेत्र को, जिसके प्रत्येक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता, परिणाम और दिशा दोनों में बराबर होती है, एक समान विद्युत क्षेत्र कहते हैं।” 

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