ध्रुवण दोष क्या है? स्थानीय क्रिया का दोष क्या है? ध्रुवण दोष ओर स्थानीय क्रिया के दोष को दूर करने के उपाय

ध्रुवण दोष क्या है? स्थानीय क्रिया का दोष क्या है? ध्रुवण दोष ओर स्थानीय क्रिया के  दोष को दूर करने के उपाय

ध्रुवण दोष क्या है? 

ध्रुवण दोष – : “जब सरल वोल्टीय सेल में हाइड्रोजन गैस तांबे की छड़ के पास मुक्त होती है तो, छड़ पर कुचालक परत बना लेती है।  जिससे आने वाले आयन  छड़ को अपना आवेश नहीं दे पाते तथा वहां एकत्र हो जाते हैं। तथा एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा जस्ते की छड़ की ओर चलने लगते हैं तो सेल में एक विपरीत विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है। जो सेल के मुख्य विद्युत वाहक बल को कम कर देता है इसे ध्रुवण दोष  कहते हैं। “

ध्रुवण दोष को दूर करने के उपाय। 

(1) ध्रुवण दोष को दूर करने की यांत्रिक विधि। 

इस विधि में तांबे की छड़ को विलियन से बाहर निकालकर थोड़ी थोड़ी देर में दातेदार ब्रश से रगड़ते जाते हैं और परत हटा दी जाती है।

(2) ध्रुवण दोष को दूर करने की  रासायनिक विधि। 

इस विधि में ऑक्सीकारक पदार्थों का चूर्ण तांबे की छड़ के पास डालते हैं यह चूर्ण हाइड्रोजन का ऑक्सीकरण कर देता है और ध्रुवण दोष दूर हो जाता है। 

(3) ध्रुवण दोष को दूर करने की विद्युत रासायनिक विधि।

इस विधि में तांबे की छड़ को एक विशेष प्रकार के विलियन में डुबोकर रखते हैं या विलय हाइड्रोजन गैस को धन आयनो में परिवर्तित कर देता है और यह ध्रुवण दोष दूर हो जाता है। 

स्थानीय क्रिया का दोष क्या है? 

स्थानीय क्रिया का दोष – : बाजार से खरीदी गई जस्ते की छड़ में लोहे, शीशा तथा आरसेनिक की अशुद्धि मिली होती है। जो विलियन में इलेक्ट्रॉन त्याग कर अपने अपने इलेक्ट्रोड बना लेती है और स्थानीय धाराएं बहने लगती है। जिससे जस्ते की छड़ गलने लगती है इसे स्थानी क्रिया का दोष कहते हैं। 

स्थानीय क्रिया के दोष को दूर करने के उपाय।

स्थानीय क्रिया के दोष को दूर करने के लिए जस्ते की 
छड़ पर पारे की परत चढ़ा देते हैं। जस्ता और पारा मिलकर अमलगम का मिश्रण बनाते हैं। अशुद्धियां इस परत के नीचे दब जाती है और जस्ता ही रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेता है।

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