गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा क्या है? पलायन वेग क्या है? कक्षिय चाल क्या है? उपग्रह की बंधन ऊर्जा क्या है?

गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा क्या है? पलायन वेग क्या है? कक्षिय चाल क्या है? उपग्रह की बंधन ऊर्जा क्या है? तुल्यकाली या भूस्थायी उपग्रह क्या है तथा इसकी विशेषता। उपग्रह में भारहीनता की अवस्था क्या है?

गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा क्या है? 

“किसी पिंड को अनंत से किसी अन्य पिंड के गुरुत्वीय क्षेत्र के किसी बिंदु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है उसे उस बिंदु पर गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। “

पलायन वेग क्या है? 

“किसी पिंड का वह प्रारंभिक न्यूनतम वेग जिससे किसी वस्तु को पृथ्वी सतह से ऊर्ध्वाधर ऊपर की और फेंकने पर गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के बाहर चली जाती है तथा पृथ्वी सतह पर वापस लोटकर नहीं आती पलायन वेग कहलाता है। “

कक्षिय चाल क्या है? 

” किसी कक्षा में उपग्रह द्वारा स्थापित आवश्यक चाल को कक्षिय चाल कहते हैं।” 

उपग्रह की बंधन ऊर्जा क्या है? 

” किसी उपग्रह को उसकी कक्षा से अनंत तक ले जाने के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा को उपग्रह की बंधन ऊर्जा कहते हैं।” 

तुल्यकाली या भूस्थायी उपग्रह क्या है? 

“ऐसा उपग्रह जो पृथ्वी के अक्ष के लंबवत तल में पूर्व से पश्चिम की ओर पृथ्वी की परिक्रमा करता है तथा जिसका परिक्रमण काल पृथ्वी के परिक्रमण काल (24 घंटे)  के बराबर होता है तुल्यकाली या भूस्थायी उपग्रह कहते हैं।”

तुल्यकाली या भूस्थायी उपग्रह की विशेषता।

(1) यह उपग्रह पृथ्वी अक्ष के लंबवत विषुवत रेखीय तल में परिक्रमा करता है। 
(2) यह पश्चिम से पूर्व की और अपनी कक्षा में परिक्रमा करता है। 

उपग्रह में भारहीनता की अवस्था क्या है? 

“यदि किसी विशेष परिस्थिति में इस तल का प्रतिक्रिया बल शून्य हो जाए तो हमें अपना भार शून्य प्रतीत होता है। यही भारहीनता की अवस्था कहलाती है। “

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