रेखीय ग्राफ व ढाल का परिकलन ( सरल रेखा ), सरल रेखा का ढाल या प्रवणता |

  रेखीय ग्राफ व ढाल का परिकलन

 सरल रेखा की परिभाषा

 सरल रेखा-किन्हीं दो बिन्दुओं को मिलाने वाले सबसे छोटे पथ को सरल रेखा कहते हैं।

सरल रेखा झुकाव (Inclination)

किसी सरल रेखा का झुकाव वह कोण है, जो वह X-अक्ष के

साथ धनात्मक दिशा में बनाती है।

अन्त:खण्ड का अन्तःरोध (Intercept)

सरल रेखा X-अक्ष और Y-अक्ष से जो भाग काटती है, उन कटे हुए भागों को अन्त:खण्ड कहते हैं। चित्र में OA व OC अन्तःखण्ड हैं । यहाँ OC = c.

सरल रेखा का ढाल या प्रवणता (Slope) 


किसी रेखा का ढाल उस θ कोण की स्पर्शज्या (tangent) के बराबर होता है जो रेखा X-अक्ष की धन दिशा के साथ बनाती है। चित्र रेखा PA,X-अक्ष से धनात्मक दिशा के साथ θ कोण बनाती है। प्रवणता को m से प्रदर्शित किया जाता है। 

सरल रेखा के गुण

 (i) यदि दो सरल रेखाएँ आपस में कोई कोण बनाती हैं तो उनके बीच का θ कोण निम्न से व्यक्त होता है-

जहाँ mi, m2 सरल रेखा के ढाल हैं।

(ii) यदि सरल रेखाओं के ढाल बराबर हों, तो वे रेखायें समानान्तर होंगी।

(iii) यदि दो सरल रेखाओं के ढालों का गुणनफल (-1) हो, तो वे एक-दूसरे पर लम्बवत् होंगी अर्थात्

m × m





सरल रेखाओं के समीकरण


(i) वह सरल रेखा जो मूल बिन्दु में से होकर जाती है तथा X-अक्ष पर दिया हुआ कोण बनाती है, के लिए सरल रेखा का समीकरण y =mx होगा।

(ii) वह सरल रेखा जो Y-अक्ष पर दिया हुआ अन्त:खण्ड काटती है तथा.x-अक्ष में दिया हुआ कोण बनाती है उसके लिये सरल रेखा का समीकरण होगा y = mx+c जहाँ c अन्त:खण्ड तथा m प्रवणता है।

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