वक्र आलेखन (ग्राफ) क्या है ? वक्र का समीकरण , बिन्दु-लेखाचित्र

  

वक्र आलेखन (ग्राफ) क्या है ? वक्र का समीकरण ,  बिन्दु-लेखाचित्र (graph) ,लेखाचित्र खींचना (Plotting a graph) , मूल बिन्दु तथा अक्षों का चुनाव

वक्र आलेखन (ग्राफ) क्या है ?

वक्र का समीकरण 

किसी वक्र का समीकरण वह बीजीय संबंध होता है, जो उसके

प्रत्येक बिन्दु के निर्देशांकों में हों।

बिन्दु-लेखाचित्र (graph)

वह वक्र, जिस पर दिये हुए समीकरण को संतुष्ट करने वाले

सभी बिन्दु स्थित हों, समीकरण का लेखाचित्र कहलाता है। किसी दिये हुये समीकरण द्वारा निरूपित

वक्र का लेखाचित्र बनाने की क्रिया को उस वक्र का अनुरेखण कहते हैं।

लेखाचित्र खींचना (Plotting a graph) 

ग्राफ हमेशा दो चर राशियों में संबंध प्रदर्शित करने के लिये खींचा जाता है। इसके लिये दो समकोणिक अक्षों (X-axis और Y-axis) का चुनाव करना होता है। X-अक्ष पर चर राशि को तथा Y-अक्ष पर परतंत्र राशि को प्रदर्शित किया जाता है।

(i) मूल बिन्दु तथा अक्षों का चुनाव -:   X-अक्ष तथा Y-अक्ष का चुनाव इस प्रकार करना

चाहिये कि ग्राफ पेपर का अधिक-से-अधिक उपयोग हो सके।

(ii) पैमाने का चुनाव -:  पैमाने के उचित चुनाव द्वारा ही दोनों अक्षों पर अधिकतम गणना को

प्रदर्शित किया जा सकता है।

उदाहरण -: X-अक्ष पर न्यूनतम संख्या 15° तथा अधिकतम 50° है, तो X-अक्ष पर 3 छोटे

खानों = 19, को प्रदर्शित करना चाहिये जिससे कि 0.5° को भी सरलतापूर्वक प्रदर्शित किया जा सके।

इसी प्रकार से Y-अक्ष पर भी उचित पैमाने का चुनाव करना चाहिये।

(iii) बिन्दुओं का अंकन -:  माने गये पैमाने के अनुसार प्रयोग में प्राप्त हुए दो संबंधित

आँकड़ों को निरूपित करने वाले बिन्दुओं को वर्गीकृत कागज पर निरूपित कर इन्हें महीन पेंसिल

द्वारा एक रेखा में मिला दिया जाता है। इन बिन्दुओं को सरल रेखा द्वारा न मिलाकर क्रम से एक ऐसे

निष्कोण वक्र द्वारा भी मिला सकते हैं जो अधिक-से-अधिक बिन्दुओं से गुजरता हो तथा छूटे हुये

बिन्दु वक्र के अत्यंत निकट हो। अन्त में लेखाचित्र का उपयुक्त शीर्षक लिख देना चाहिए।

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